NCERT Physics notes in hindi के इस भाग मे हम बात करेगे द्रव्य के यांत्रिक गुण के बारे मे..
Mechanical properties of fluids
आपने कभी यह सोचा है की ऊंट रेगिस्तान में आसानी से क्यों हो पाता है सेना का टैंक जिसका भार हजार टन से भी अधिक है एक चैन पर क्यों टिका रहता है, किसी ट्रक या बस के टायर चौड़े क्यों होते हैं जबकि किसी काटने वाली वस्तु या हथियार की धार पतली होती है इन प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए तथा इसमें परी घटनाओं को समझने के लिए दी गई वस्तु पर एक विशेष दिशा में लगने वाले प्रणोद बल तथा प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल अर्थात दाग से संबंधित अवधारणा का परिचय आज हम यहां कर आएंगे---->
प्रणोद तथा दाब
किसी पृष्ठ के संपूर्ण क्षेत्रफल पर लगने वाले कूल लंबवत बल को प्रणोद बल कहते हैं प्रणोद का प्रभाव उस क्षेत्रफल पर निर्भर करता है जिस पर या लगा होता है इसका मात्रक बल का मात्रक होता है इस का एस आई मात्रक न्यूटन है यह एक सदिश राशि है
किसी सतह के एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं
दाब == बल/ क्षेत्रफल== प्रणोद/ क्षेत्रफल
दाब किसी निश्चित दिशा में ना होकर सभी दिशाओं में क्रियाशील होता है|
अब हम समझेंगे कि किस प्रकार यह कार्य करता है
- भारी वाहनों के पहियों के टायर काफी चौड़े बनाए जाते हैं क्योंकि भारी वाहनों के पहियों के टायर चौड़े होने से उनका क्षेत्रफल अधिक होता है जिस कारण सड़क अथवा जमीन पर लगने वाला दाब कम हो जाता है क्योंकि वाहन का भार अधिक क्षेत्रफल पर लगता है इसलिए वाहन के पहिए सड़क पर धंसने से बच जाते हैं|
- ऊंट रेगिस्तान में आसानी से चल लेता है क्योंकि ऊंट के तलवे अधिक चौड़े होते हैं जिससे इनके तलवों का क्षेत्रफल अधिक हो जाता है और जमीन पर दाब कम लगता है जिसके कारण ऊंट रेगिस्तान में आसानी से चल लेते हैं और उनके तलवों के नीचे की जमीन धसती नहीं है|
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- गोताखोरों को जेल के अंदर से बाहर धीरे-धीरे खींचा जाता है क्योंकि समुद्र से अधिक गहराई पर दाब अत्यधिक होता है गहराई पर गोताखोरों के खून में अतिरिक्त वायु के मिलने से रक्त का दाब भी बढ़ जाता है जो बाहरी जल दाब को संतुलित कर लेता है यार इन्हें जल्दी से बाहर निकाला जाए तो उच्च रक्तदाब के कारण उन की नसें फट जाएगी और खून बहने लगेगा जबकि धीरे-धीरे खींचने से उनके खून में मिली हुई अतिरिक्त वायु धीरे-धीरे बाहर निकल जाती है और नाड़ियों का भी फटने की संभावना कम हो जाती है और गोताखोरों आसानी से बाहर भी आ जाते हैं
घनत्व :
किसी पदार्थ के द्रव्यमान व आयतन के अनुपात को उस पदार्थ का घनत्व कहते हैं
द्रव का घनत्व== पदार्थ का द्रव्यमान/ पदार्थ का आयतन
यह एक सदिश राशि है इसका मात्रक किलोग्राम/ मीटर क्यूब होता है
यदि किसी द्रव मैं स्थित किसी पिंड एवं द्रव का घनत्व एक समान हो तो वह पिंड द्रव में पूर्णत: डूब कर तैरता रहेगा|
यदि किसी पिंड का घनत्व द्रव द्रव की घनत्व कम होता है तो वह पिंड द्रव में आंशिक रूप से डूबकर करता रहेगा|
यदि किसी पिंड का घनत्व द्रव के घनत्व से अधिक हो तो वह पिंड द्रव में पूर्णत: है डूब जाएगा|
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आपेक्षिक घनत्व :
किसी पदार्थ के घनत्व 4 डिग्री सेंटीग्रेड पर जल के घनत्व के अनुपात को पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व कहते हैं
आपेक्षिक घनत्व= पदार्थ का घनत्व/ 4 सेंटीग्रेड पर जल का घनत्व
जब कोई वस्तु पर तैरती है तब उसका घनत्व जल के घनत्व कम होता है इसी प्रकार तैरने का सिद्धांत जल में मछली के ऊपर तथा नीचे गत करने में सहायक होता है मछली में निर्मित पूटीका आयतन में परिवर्तन के कारण जल के घनत्व को नियंत्रित करती है जल का आयतन बढ़ने के कारण मछली ऊपर की ओर गति करती है मछली का घटता है नीचे की तरफ गति करती हैं तो मछली का घनत्व बढ़ता है इसी वायु पूटीका के कारण ही मछली ऊपर और नीचे तेजी से घट कर सकती है
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द्रव में दाब
द्रव पदार्थों का दाब उनके भार के कारण होता है द्रव के अणु विभिन्न दिशाओं में अनियमित रूप से गति करते रहते हैं द्रव द्वारा संपर्क सतह पर लगाया गया बल द्रव दाब कहलाता है|
द्रव स्तंभ पर लगने वाला दाब == hρg होता है|
जहां h स्तंभ की ऊंचाई, ρ द्रव का घनत्व तथा g गुरुत्वीय त्वरण है|
द्रव दाब के नियम
द्रव के भीतर होरिजेंटल तल पर स्थित सभी बिंदुओं पर द्रव दाब सामान लगता है |
द्रव के भीतर किसी बिंदु पर द्रव का दाब सभी दिशाओं में समान होता है |
द्रव द्वारा लगाया गया दाब सदैव द्रव के संपर्क वाली सतह के लंबवत लगता है |
द्रव के भीतर किसी बिंदु पर द्रव दाब द्रव की सतह के आकार व क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करता है|
किसी बिंदु पर द्रव का दाब द्रव के घनत्व के अनुक्रमानुपाती होता है|
किसी बिंदु पर द्रव का दाब द्रव दाब के घनत्व पर निर्भर नहीं करता है घनत्व अधिक होने पर भी दाब भी अधिक होता है|
द्रव का दाब उस पात्र के आकार या आकृति पर निर्भर नहीं करता है जिसमें द्रव रखा जाता है|
सभी द्रव का क्वथनांक दाब बढ़ने पर बढ़ जाता है|
यदि किसी बर्तन में द्रव h ऊंचाई तक भरा है द्रव बर्तन की दीवारों पर औसत् दाब hρg /2 होता है
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पास्कल का नियम :
इस नियम के अनुसार “ यदि किसी बद्र द्रव के किसी भाग के दाब में होने वाली वृद्धि द्रव के अन्य भागों में बिना कमी हुए एक समान रूप से संचालित हो जाती है यह नियम पास्कल का नियम कहलाता है|
पास्कल के अनुप्रयोग:
हाइड्रॉलिक लिफ्ट: यह पास कल के सिद्धांत पर कार्य करने वाली एक ऐसी युक्ति है जो भारी उपकरणों को उठाने में सक्षम है इसमें अनुप्रस्थ परीक्षेत पर अल्प बल आरोपित करने पर दाब के संचरण के कारण प्रबल बल बड़े आकार के अनुप्रस्थ परीक्षेत पर उत्पन्न हो जाता है जो कि भारी उपकरणों को उठाए रखने में सक्षम होता है
हाइड्रॉलिक ब्रेक: यह पास्कल के नियम पर आधारित एक एक ऐसी युक्ति है जिसकी सहायता से गाड़ियों में ब्रेक लगाकर एक साथ मंदन उत्पन्न किया जा सकता है इसमें एक मास्टर बेलन लगी होती है जिसे ब्रेक तेल भरा होता है तथा विरोधी पिस्टन लगा रहता है जब पैदल ब्रेक को दबाया जाता है तो मास्टर बेलन का पिस्टन लीवर निकाय द्वारा अंदर की ओर लगता है जिसमें पिस्टन के निकटवर्ती द्रव दाब लगता है पास्कल के नियमानुसार पिस्टन में समान रूप से दाब वितरित हो जाता है जिसके कारण पिस्टन एक दूसरे से दूर हो जाते हैंजिस से ब्रेक लगने लगती है|
Nice
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