स्वास्थ्य(Health)
स्वास्थ्य वह अवस्था है जिसे मनुष्य का शरीर सुचारू रूप से अपने कार्य को पूरा करता है स्वस्थ रहने के लिए मनुष्य को शारीरिक रूप से ही नहीं वरन मानसिक सामाजिक एवं शारीरिक रूप से ठीक होना आवश्यक है जिनकी शारीरिक व मानसिक संरचना को यह किसी कारणवश अवरुद्ध होना पड़ता है तो वह अवस्था रोग ग्रस्त अवस्था कही जाती|
शरीर को रोग ग्रस्त अवस्था कई कारणों से हो सकती है जैसे (संक्रमण इंफेक्शन) जीवन का तरीका व्यायाम की कमी तथा खान-पान की गलत आदतें आराम की कमी खानपान में जरूरी आवश्यक पोषक तत्वों का ना होना तथा कभी-कभी अनुवांशिक विकारों से भी हमारा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता जिसके कारण शरीर रोग ग्रस्त हो जाता है
अतः रोगी होने से बचाओ संतुलित आहार अपनी निजी आसपास की सफाई निरंतर व्यायाम रोगों के प्रति जागरूकता रोगों से बचाव संक्रमण रोगों के खिलाफ टीकाकरण जैसे उपायों उपयोग करना चाहिए वर्तमान समय में कोविड-19 एक संक्रामक बीमारी हमारे बीच उपस्थित जिसके बचाओ उपर्युक्त उपायों का समय-समय पर ध्यान देते रहना चाहिए
रोग क्या है:-
रोग शरीर की एक ऐसी अवस्था है जिसमें शरीर की कार्य करने की क्षमता सुचारू रूप से ना चलकर के कुछ या अधिक परिवर्तित हो जाती है जिसके कारण शरीर में कार्य की व्याधि उत्पन्न होती है और हमारा शरीर रोग ग्रस्त हो जाता है जिसके कारण इम्यूनिटी कम हो जाती है और हमारी दैनिक क्रिया है बाधित हो जाती है रोग की पहचान रोगी के शरीर पर दिखने वाली लक्षणों से होती|
Biology Notes in hindi
रोगों के प्रकार
रोग को उनकी प्रकृति एवं उत्पन्न नता तथा लक्षणों के आधार पर दो भागों में विभाजित किया गया
पहला उपार्जित रोग तथा दूसरा जन्मजात रोग |
1.जन्मजात रोग
ऐसे रूम जो रोग के साथ उत्पन्न होते हैं उन्हें जन्मजात रोग कहते हैं इन लोगों में शरीर में संरचनात्मक तथा क्रियात्मक व्याधि उत्पन्न हो जाती है जन्म रोग अनुवांशिक रोग या पोषण की कमी के कारण होते हैं इन लोगों का आक्रमण गर्भावस्था के दौरान ही होता है जब यह रूप गर्भावस्था के प्रथम महीने में होते हैं तो इन्हें नवजात रोग कहते हैं जिसमें विकासशील शिशु को हानि पहुंचती है
जैसे: पांव का फिरा होना, मंगोलिज्म , नील शिशु का जन्म, पांचवी अंगुली का मुड़ा होना,
डिस्प्लेशिया आदि रोग होते हैं|
2. उपार्जित रोग
ऐसे रोग जो शरीर में जन्म लेने के पश्चात उत्पन्न होते हैं उन्हें उपार्जित रोग कहते हैं इन्हें जन्मो प्रांत रूप भी कहते हैं यह विभिन्न कारणों जैसे चोट लगना संक्रमण होना तथा पोषण की कमी से हो सकते हैं अर्थात यह रोग संक्रामक तथा असंक्रामक रोग होते हैं |
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संक्रामक रोग
संक्रामक रोग प्राय; फैलने वाले रोग होते हैं जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं इन रोगों के कारकों को संक्रमण रोगाणु कहते हैं जो वायरस, बैक्टीरिया फंगल आदि सूछ्मजीव होते हैं यह सूछ्मजीव वायु जल भोजन मिट्टी के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर रोग फैलाते हैं इनके कारक प्रोटोजोआ तथा फीता कृमि भी होते हैं वर्तमान समय में कोरोनावायरस भी एक संक्रामक वायरस है जो हवा पानी एवं छुआछूत के कारण तेजी से फैल रहा है |