मानव में होने वाले विषाणु जनित संक्रामक रोग(viral desease in human) tricks

 विषाणु जनित रोग

  विषाणु के संक्रमण से होने वाली लोगों को विषाणु जनित रोग कहा जाता है विषाणु परजीवी होते हैं तथा बहुत से रोगों के कारक होते हैं-

मानव में होने वाले विषाणु जनित संक्रामक रोग tips and trick  ,विषाणु जनित संक्रामक रोग tips and trick


1 हेपेटाइटिस:

 प्रमुख रूप से  यकृत व अन्य अंगों  के ऊतकों कोशिकाओं में सूजन आने से होता है तथा फाइब्रोसिस व सिरहोशिश  रूप में परिवर्तित हो जाती है जिससे यकृत को अत्यधिक हानि पहुंचाती है।

 हेपेटाइटिस -A:

 यह गंभीर यकृत रोग है जो हेपेटाइटिस -A (HAV) द्वारा जनित होता है इसके मुख्य लक्षण बुखार अकडाह्ट व बेचैनी है तथा अन्य लक्षण भूख में कमी, पीलिया, रुधिर से पित्त का  अलग होना तथा मूत्र द्वारा विसर्जन, दस्त तथा मिट्टी के रंग  का मल होना  इसके प्रमुख लक्षणों में से हैं|

Biology Notes in Hindi

 बचने के उपाय

 इससे बचने के लिए अच्छी साफ सफाई एवं टीकाकरण की आवश्यकता होती है 

हेपेटाइटिस-B:

 यह हेपेटाइटिस-B (HBV)  विषाणु द्वारा होता है जो वीर्य, योनि  जैसे तरल पदार्थों द्वारा फैलता है परंतु यह लार व आंसू से नहीं फैलता है हेपेटाइटिस बी का जीनोम गोल  डबल हेलिक्स  डीएनए का बना होता है जो अपनी प्रकृति RNA  के माध्यमिक रिवर्स प्रतिलेखन द्वारा बनता है |

 बचने के उपाय

टीकाकरण द्वारा इस बीमारी से बचना संभव है जिसमें 3 महीने में तीन  डोज दिए जाते हैं |


हेपेटाइटिस सी:

 यह हेपेटाइटिस सी (HCV) विषाणु द्वारा जनित होता है  तथा  रक्त के आदान-प्रदान  रोगी से ,संबंध होने पर फैलता है

 बचने के उपाय

 इसका कोई टीका नहीं बना है इसका केवल बचाव किया जा सकता है अभी तक इलाज संभव नहीं

बर्ड फ्लू:

 यह इनफ्लुएंजा  विषाणु द्वारा फैलता है   जो प्रमुख रूप से पक्षियों को संक्रमित करता है और साथ में जो व्यक्ति पक्षी पालन केंद्र में काम करते हैं तथा  अधपक्का मीट   व अंडे खाते हैं  ऐसे व्यक्ति  इस रोग से ग्रस्त होते हैं।

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 इसके प्रमुख लक्षण:  बुखार,  खांसी, गले में दर्द,  पेशीय खिंचाव, आंख में संक्रमण  एवं टांसिल है

 बचने के उपाय

 इसके बचाव हेतु टीका कराया जाता है अर्थात लक्षण दिखाई देने के 24 घंटे के अंदर एंटीटॉक्सिन डिप्थीरिया  का इंजेक्शन दिया जाता है 

AIDS(एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम):

उपार्जित प्रतिरक्षी हीनता रोग है जो मानव की प्रतिरक्षा हीनता  विषाणु (HIV)   द्वारा फैलता है जो मानव के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है  एड्स को सर्वप्रथम  रोग नियंत्रण व बचाव केंद्र सीडीसी ने 1981 मैं पहचाना था HIV एक  लेटी विषाणु है जो कि  रेटरो  विषाणु कुल का सदस्य है 

 यह इम्यून सिस्टम नष्ट करके शरीर को अन्य रोगों से लड़ने में अयोग्य बना देता है इस बीमारी का संक्रमण निम्न प्रकार से होता है--

  1.  रक्तदान द्वारा तथा रोगी व्यक्ति की इस्तेमाल हुई  सिरिंज द्वारा |

  2.   मुख, योनि, एवं गुदा संभोग द्वारा |

  3.  मां से बच्चे में रुधिर द्वारा व स्तनपान द्वारा फैलता है |

 इसके प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:

  1. वजन में कमी

  2.  सांस लेने में परेशानी

  3.  ठंड लगना

  4.  त्वचा पर चकत्ते निकलना

  5.  रात में मूत्र विसर्जन हुआ पसीना आना

  6.  खांसी एवं सिर दर्द

  7.  धुंधला दिखाई देना इत्यादि प्रमुख लक्षण है|


इसके टेस्ट निम्नलिखित हैं जिनके द्वारा इस बीमारी का पता लगता है

  1.  एंजाइम प्रतिरक्षा आमापन  जिसे एलिसा (ELISA) टेस्ट भी कहते हैं

  2.  रेडियो प्रतिरक्षी  संघनन  आमापन /RIP / IFA 

  3.  पॉलीमएज  श्रृंखला अभिक्रिया PCR

  4.  वेस्टर्न ब्लॉट (Western Blot)

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बचने के उपाय

इसके प्रमुख उपचार एंटीरेटरो विषाणु  दवाइयों द्वारा तथा लोगों को इसके प्रति जागरूक करके |

पीत ज्वर:

 यह एक गंभीर  विषाणु रोग है जो  पीत ज्वर विषाणु के  मादा एडीज  इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है  यह विषाणु लसीका   गांठ  में प्रतिक्रियन करता है  तथा  ध्रुविका कोशिकाओं को संक्रमित करता है  यहां से यह यकृत में जाकर यकृत कोशिकाओं को संक्रमित करता है


                     इसके प्रमुख लक्षण बुखार, ठंड, भूख में कमी, बेचैनी, इत्यादि हैं इसमें प्रमुख रूप से कमर दर्द व सिर दर्द होता है जो 3 दिन में सुधर जाते हैं कुछ व्यक्तियों में या दोबारा हो जाता है जिससे  पेट में दर्द हुआ यकृत को नुकसान होता है जिसके कारण रुधिर प्रवाह एवं किडनी में रोगों की आशंका बढ़ जाती है|

स्वाइन फ्लू/ सूअर इनफ्लुएंजा:

 स्वाइन  इन्फ्लूएंजा विषाणु द्वारा फैलता है जो सूअर द्वारा मानव में फैलता है सन 2009 में स्वाइन फ्लू विषाणु के h1 n1 प्रकार  ने लोगों को संक्रमित किया इस  के प्रमुख लक्षण  बुखार, खांसी, गले में दर्द, शरीर में दर्द, सिर दर्द, ठंड के साथ  अकड़आहट होती है इसका उपचार टीकाकरण द्वारा संभव है 

इनफ्लुएंजा:

इन्फ्लुएंस विषाणु द्वारा  या छींकने या खांसने से फैलता है इसके प्रमुख लक्षण सिर दर्द पूरे शरीर में दर्द सर्दी खांसी एवं तेज बुखार इस रोग की रोकथाम    टेरामाइसीन,  टेटरासाइक्लिन  प्रतिजैविक एवं साफ सफाई रखने से साथ में टीकाकरण से भी उपचार हो सकता है

 चेचक : 

यह रोग  विरोला विषाणु  से होता है  इसका संक्रमण रोगी व्यक्ति के खांसने एवं छींकने से होता है इसके प्रमुख लक्षण  सिर ,पीठ कमर में दर्द एवं शरीर पर लाल दाने हो जाते हैं इसकी रोकथाम के लिए टीकाकरण एवं रोगी व्यक्ति से उचित दूरी बनाए रखें|

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पोलियो:

यह रोग निस्यन्दी विषाणु (nissyandi Virus)  द्वारा होता है  इसका संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के भोजन, मल, एवं मच्छरों से फैलता है इसके प्रमुख लक्षण यह प्रमुख रूप से रीड की हड्डी एवं आंत पर संक्रमण  फैलाता है| इसकी प्रमुख रोकथाम  टीकाकरण  पोलियो के टीके में मृत रोगाणु होते हैं जो शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं |

रेबीज:

 यह रोग रिहैब्डो विषाणु द्वारा होता है इसका संक्रमण किसी पागल कुत्ते भेड़िए लोमड़ी  आदि के काटने से फैलता है  इसके प्रमुख लक्षण  केंद्रिका , तंत्रिका तंत्र, प्रभावित होता है तथा पक्षाघात, तेज बुखार, सिर दर्द एवं वमन होते हैं

 इसकी इसकी रोकथाम  टीकाकरण जोकि  रेबीजरोधी हो  तथा काटने पर घाव को कार्बोक्सिलिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल से धोना चाहिए 

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अन्त मे अब आपको वायरस से होने वाली बीमारियो की ट्रिक

विषाणु जनित संक्रामक रोग tips and trick


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