Physics notes in hindi के इस भाग मे हम बात करेगे वायुमंडलीय दाब(Atmospheric pressure) के बारे मे..............
वायुमंडलीय दाब (Atmospheric pressure):
वायुमंडल में उपस्थित वायु सभी वस्तुओं पर अत्यधिक आरोपित करती है दाब को वायुमंडल की वायु के द्वारा लगने वाले दाब को वायुमंडलीय दाब कहते हैं समुद्र तल पर यह दाब 10 to power 5 न्यूटन/ वर्ग मीटर होता है |
Physics notes in hindi
तापक्रम बढ़ने से हवा का घनत्व घटता है और वायुमंडलीय दाबAtmospheric pressure भी घटता है \
वायुमंडलीय दाब का एस आई मात्रक न्यूटन प्रति मीटर स्क्वायर होता है अथवा पास्कल भी कह सकते हैं सीजीएस पद्धति में इसका मात्रक डायन प्रति सेमी स्क्वायर होता है |
वायुमंडलीय दाब को पारे स्तंभ में mm या cm में मापते हैं |
वायुमंडलीय दाब को torr में भी मापा जाता है|
1 torr == 1 mm( पारा)== 133.32 पास्कल
1 बार== 10 पास्कल == 10 to power 5 न्यूटन/ वर्ग मीटर
पहाड़ों पर खाना बनाने में कठिनाई होती है क्योंकि अधिक ऊंचाई पर जाने पर दाब(pressure) कम हो जाता है इसलिए वायुमंडलीय दाब घटने के कारण पानी का क्वथनांक कम हो जाता है जिससे गुप्त ऊष्मा का मान कम हो जाता है जिसके फलस्वरूप खाना देर से पकता है |
वायुदाब मापी में पारे का अचानक गिरना आंधी या वर्षा का सूचक होता है जबकि पारे के स्तंभ की ऊंचाई का धीरे-धीरे बढ़ना स्वच्छ मौसम का संकेत है जब वायु का बुलबुला झील की तली से ऊपर आता है तब तली की अपेक्षा ऊपर का दाब(pressure) घटता है जिसके कारण बुलबुले का आयतन बढ़ जाता है|
वायुयान में बैठे यात्री के फाउंटेन पेन से स्याही बाहर निकल जाती है क्योंकि जब वायुयान आकाश में उड़ता है तब वायुमंडलीय दाब Atmospheric pressure घटने के कारण पेन से स्याही बाहर आ जाती हैं अधिक ऊंचाई पर वह मंडली दाब कम होता है इसलिए रक्तचाप तथा वायुमंडलीय दाब(Atmospheric pressure)
में अधिक अंतर होने के कारण नाक से खून आने लगता है क्योंकि नाक की रक्त वाहिनी या दाब कम हो जाने के कारण फट जाती हैं क्योंकि वाहिनीयों के अंदर का दाब अधिक होता है|
उत्पलावक्ता:
किसी वस्तु के तैरने की प्रवृत्ति उस वस्तु की उत्पलावक्ता कहलाती है
जब एक वस्तु को तरल द्रव में डुबोया जाता है तो उसके भार में कमी आती है हाथों में डूबी वस्तु का भार वस्तु का स्पष्ट भार कहलाता है
द्रवों का दबावpressureगहराई के साथ बढ़ता है|
उत्प्लावन बल :
जब किसी वस्तु को द्रव में पूर्णता है आंशिक रूप से दबाया (pressure)जाता है द्रव द्वारा वस्तु पर एक ऊपर की ओर लगाया जाता है उत्प्लावन बल कहलाता है |
आर्कमिडीज का सिद्धांत:
चित्रों में कोई वस्तु पूरी अथवा आंशिक रूप से डूबी जाती है तो उसके भार में कमी आ जाती हैं भार में यह आभासी कमी वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होती है विस्थापित द्रव के भार के बराबर एक बल वस्तु पर ऊपर की ओर लगता है जिसे उत्प्लावन बल कहते हैं
वस्तु पर लगा उत्प्लावन बल == वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव का भार
इस सिद्धांत के अनुसार निम्नलिखित प्रयोग किए गए हैं जिन्हें Physics Notes in Hindi के माध्यम से उल्लेखित कर रहे हैं--------------------------------------------------------------------------------------------------------------
आर्कमिडीज सिद्धांत के आधार पर किसी वस्तु का भार पानी में कम तथा पानी की सतह के ऊपर अधिक प्रतीत होता है कि भार में यह कमी पानी द्वारा वस्तु पर ऊपर की ओर लगाए गए बल के कारण होती है इसलिए जब कुएं से पानी की बाल्टी को ऊपर खींचते हैं तब पानी की सतह से ऊपर बाल्टी भारी प्रतीत होते हैं|
लोहे का जहाज पानी में तैरता है जबकि लोहे की कील पानी में डूब जाती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जहाज की एक विशेष बनावट होती है जिसके द्वारा वह अपने भार के बराबर पानी को हटाता है जिससे यह पानी पर तैरता रहता है जबकि तीन अपने भार के बराबर पानी को विस्थापित नहीं कर पाती है जिसके कारण या डूब जाती है|
हाइड्रोजन से भरे गुब्बारे हवा में उड़ते हैं क्योंकि हाइड्रोजन का भार इसके द्वारा प्रतिस्थापित वायु भार से से कम होता है |इस कारण से हाइड्रोजन के गुब्बारे हवा में उड़ते हैं |
प्लवन(Floatation):
जब कोई वस्तु किसी द्रव में डूबी जाती है तो उस पर दो बल कार्य
करते हैं|
वस्तु का भार W नीचे की ओर
वस्तु पर द्रव द्वारा लगाया गया उत्प्लावन बल F ऊपर की ओर
प्लवन के नियम
जब W > F अर्थात वस्तु का भार उत्प्लावन बल से अधिक हो सब वस्तु द्रव में डूब जाएगी
जब W = F अर्थात वस्तु का भार उत्प्लावन बल के बराबर हो वस्तु द्रव के नीचे कि सतह पर तैरती रहेगी |
जब W < F अर्थात वस्तु का भार उत्प्लावन बल से कम हो तो वस्तु, द्रव की ऊपरी सतह पर तैरती रहेगी |
गुब्बारे में हल्की गैस भरी जाती हैं क्योंकि गुब्बारे में भरी गैस का औसत घनत्व वायु की तुलना में कम होता है जिससे गुब्बारा आकाश में आसानी से उड़ता है|
किसी बर्तन में पानी भरा है और उस पर बर्फ तैर रही है जब बर्फ पूरी तरह पिघल जाएगी तो पात्र में पानी का तल अपरिवर्तित रहता है अर्थात पहले के ही समान रहता है |
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जीवन रक्षक पेटी रबर की बनी एक ट्यूब होती है जिसमें हवा भरी जाती है हवा भरने पर इसका आकार बढ़ जाता है जिसके द्वारा हटाया गया द्रव मनुष्य के भार बराबर होता है इससे मनुष्य पानी की सतह पर तैरा करता है
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