अभिकेंद्र बल:
जब कोई वस्तु किसी वृत्तीय मार्ग की परिधि पर घूम रही हो तो उसके वेग का परिमाण तो नियत रहता है किंतु दिशा निरंतर बदलती रहती है जिसके कारण वस्तु पर बल कार्य करता है इस बल की दिशा सदैव केंद्र की ओर दिष्ट होती है इस बल को अभिकेंद्र बल कहते हैं अर्थात
“ जब कोई वस्तु किसी वृत्तीय मार्ग में गति बनाए रखने के लिए वृत्त के केंद्र की और एक बल आवश्यक होता है इसे अभिकेंद्रीय बल कहते हैं”
अपकेंद्र बल :
कुछ परिस्थितियों में ऐसा आभास होता है कि किसी वृत्त की परिधि पर गति करती वस्तु पर बाहर की ओर एक बल लग रहा है जबकि वास्तव में वस्तु पर बल लगा नहीं होता यह एक आभषी बल होता है इस बल को अपकेंद्र बल कहते हैं|
क्रीम निकालने की मशीन: यह यंत्र अपकेंद्र बल पर आधारित है इसमें जब दूध भरकर मशीन को तेजी से घुमाया जाता है तो क्रीम के कण घूर्णन एक्सिस के निकट एकत्रित हो जाते हैं जबकि दूध के कण बाहर की ओर चले जाते हैं आत: बर्तन के केंद्रीय भाग में लगे निकास द्वार से क्रीम को बाहर निकाल लिया जाता है दही से मक्खन भी इसी सिद्धांत के द्वारा निकाला जाता है
गुरुत्व केंद्र:
प्रत्येक वस्तु छोटे-छोटे टुकड़ों से मिलकर बनी होती तथा प्रत्येक कण को पृथ्वी अपने केंद्र की ओर आकर्षित करती है वस्तु का संतुलन तभी तक संभव है जब तक की उसमें गुरुत्व केंद्र से होकर खींची गई ऊर्ध्वाधर रेखा वस्तु के आकार से होकर गुजरती है यह रेखा वस्तु केजिस भाग से होकर गुजरती है वह गुरुत्वकेंद्र कहलाता है इसके उदाहरण निम्नलिखित हैं--
उदाहरण-
1 .पीसा की ऐतिहासिक मीनार तिरछी होते हुए भी नहीं गिरती है क्योंकि उसके उसके गुरुत्व केंद्र से जाने वाली ऊर्ध्वाधर रेखा मीनार के आधार से होकर जाती है यही कारण है कि पीसा की मीनार तिरछी होते हुए भी नहीं गिरती क्योंकि उसका गुरुत्व केंद्र उसके आधार से होकर गुजरता है जिससे या पृथ्वी के गुरुत्व बल से अपना संतुलन बनाए रखती है
2 . दो मंजिला बरसो मैं नीचे वाली मंजिल को अधिक भारी बनाते हैं जबकि ऊपर वाली मंजिल को हल्की बनाते हैं क्योंकि बस का गुरुत्व केंद्र नीचा रहे अर्थात पृथ्वी के गुरुत्व बल से बस के गुरुत्व केंद्र का संतुलन बना रहे और बस सुरक्षित चलती रहे|
घर्षण:
जब कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु की सतह पर फिसलती है / ऐसा करने का प्रयास करती है तो उनके मध्य होने वाली आपेक्षिक गति का विरोध करने वाले बल को घर्षण बल कहते हैं अर्थात जब कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु की सतह पर चलती है या फिसलती या उस पर फिसलने का प्रयास करती है तो वस्तु की गत के विरोध में वस्तु की गति की विपरीत दिशा में एक बल कार्य करता है जो वस्तु की गति का विरोध करता है और यहां पर घर्षण बल कहलाता है
उदाहरण:
किसी चलती हुई साइकिल में यदि पेडल मारना बंद कर दिया जाए तो कुछ दूर जाकर साइकिल अपने आप रुक जाती क्योंकि सड़क व साइकिल के मध्य एक बल कार्य करता है यह साइकिल की गति का विरोध करता है और उसकी रफ्तार को धीरे धीरे कम कर देता यही बल घर्षण बनाता है
घर्षण के प्रकार :
घर्षण तीन प्रकार का होता है:
1 स्थैतिक घर्षण बल
2 सीमांत घर्षण बल
3 गतिज घर्षण
स्थैतिक घर्षण बल: एक वस्तु को दूसरी वस्तु के तल पर चलाने का प्रयास किया जाता है तो गतिज अवस्था में आने से पहले दोनों वस्तुओं के तल के मध्य लगने वाला स्थैतिक घर्षण बल कहलाता है यह समायोजन होता है तथा आरोपित बल के बढ़ने पर यह बढ़ता है
इसे Fs से प्रदर्शित करते हैं
Fs= μR
μs= tanθ
जहां μs स्थैतिक घर्षण गुणांक है
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सीमांत घर्षण बल:
जब वस्तु पर आरोपित बल का मान बढ़ाते हैं तो स्थैतिक घर्षण बल का मान भी बढ़ता है स्थैतिक घर्षण बल के इस अधिकतम मान को सीमांत घर्षण कहते हैं क्योंकि सीमांत घर्षण के बाद वस्तु गतिक अवस्था में आ जाती है
सीमांत घर्षण की दिशा सदैव उस दिशा के विपरीत होती है जिसमें वस्तु कर रही होती है
यदि अभिलंब प्रतिक्रिया अपरिवर्तित रहे सीमांत घर्षण संपर्क दल के क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करता सीमांत घर्षण बल संपर्क तल के खुरदरे एवं पदार्थ पर निर्भर करता है
गतिज घर्षण बल:
एक वस्तु अन्य किसी वस्तु की सतह पर वास्तव में गत करती है तो उनके मत आपेक्षिक गति का विरोध करने वाला बल कार्य करता है यह बल गतिज घर्षण बल कहलाता है गतिज घर्षण बल दो प्रकार का होता है
1 लोटनिक घर्षण बल
2 सर्पी घर्षण बल
घर्षण बल आवश्यक बुराई कहा जाता है इसकी उपस्थिति आवश्यक है क्योंकि हम इसके बिना चल नहीं सकते तथा किसी वस्तु को पकड़ नहीं सकते इसे बुराई इसलिए माना जाता है क्योंकि इसमें ऊर्जा का अनावश्यक रूप से ह्रास होता है इसी के कारण इसे एक आवश्यक बुराई कहा जाता है
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घर्षण की आवश्यकता:
- पैरों तथा भूमि के बीच घर्षण ना होने पर हम चल नहीं सकते यहां पर हमें घर्षण की आवश्यकता होती|
- भीगी अथवा कीचड़ की गली पर घर्षण कम हो जाने पर चलना मुश्किल हो जाता है और राही पर फिसल कर गिर जाते हैं
- घर्षण की अनुपस्थित में वाहनों में ब्रेक लगाना प्रभाव कारी नहीं होगा अरे काम नहीं करेगी|
- घर्षण की अनुपस्थिति में मशीनें कार्य नहीं करती
- घर्षण ना होने पर ब्लैक बोर्ड में लिखना मुश्किल हो जाएगा
- घर्षण के कारण ही है ईटों को एक दूसरे से चिपका कर दीवार बनाना संभव हो सका ना होने पर बाहर गिर जाएंगे
- घर्षण की अनुपस्थिति में हम पेपर में नहीं लिख सकते क्योंकि घर्षण के कारण ही स्याही से चलकर पेपर पर आती है
- घर्षण से वस्तुओं को आवेशित भी किया जा सकता है
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घर्षण एक बुराई
- घर्षण के कारण ऊर्जा का एक बड़ा भाग व्यर्थ हो जाता है जिसे मशीनों की दक्षता कम हो जाती है
- अधिक घर्षण हो जाने पर मशीनों में टूट-फूट होने लगते हैं
- घर्षण के कारण मशीनें आवेशित हो जाती हैं जिसके कारण दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है
घर्षण को कम करने की विधियां:-
- पालिश करके घर्षण को कम किया जा सकता है
- स्नेहक लगा कर के/ तलों के मध्य ग्रीस तेल इत्यादि को लगा कर के घर्षण को कम किया जा सकता है
- उचित पदार्थ के प्रयोग से भी घर्षण को कम किया जा सकता है
- बाल बेरिंग का प्रयोग करके घर्षण को कम किया जा सकता है जैसा की साइकिल मोटरसाइकिल चार पहिया वाहनों में भी लगाया जाता है