गति (motion),दूरी(Distance) ,विस्थापन(Displacement), चाल (Speed), बल(Force), न्यूटन के गति विषयक नियम(Nuton's Law)

  गति : यदि किसी वस्तु  की स्थित अपने वातावरण के सापेक्ष समय के साथ बदलती है तो वह वस्तु की गति अवस्था कहलाती है जैसे सड़क पर दौड़ती बस की स्थिति

 दूरी: किसी दिए गए समय अंतराल में वस्तु द्वारा तय किए गए मार्ग की लंबाई को दूरी कहते हैं दूरी एक अदिश राशि है जो सदा धनात्मक होती है

 विस्थापन: किसी विशेष दिशा में गतिशील वस्तु की स्थिति परिवर्तन को उसका विस्थापन कहते हैं विस्थापन एक सदिश राशि है


 चाल: कोई वस्तु में जितनी दूरी तय करती है उसे उसकी चाल कहते हैं  यह एक अदिश राशि है

    चाल= दूरी/ समय


   वेग:  एकांक समय में कोई वस्तु एक निश्चित दिशा में जितना भी स्थापित होती है है उसे उस वस्तु का वेग कहते हैं

 यह एक सदिश राशि है

 वेग  =  निश्चित दिशा में वस्तु का विस्थापन/ समय


 संवेग: किसी गतिमान वस्तु की गति पर वस्तु के द्रव्यमान तथा वेग दोनों पर प्रभाव पड़ता है

किसी वस्तु के द्रव्यमान को उसके वेग से गुणा करने पर उसकी गुणनफल उस वस्तु का संवेग कहलाता है

      संवेग = द्रव्यमान  * वेग 

 त्वरण:किसी वस्तु के वेग परिवर्तन की दर को उसका त्वरण कहते हैं|

      त्वरण== वेग परिवर्तन/ समय अंतराल

त्वरण एक सदिश राशि है

 बल:  बल वह धक्का या खिंचाव है जो किसी वस्तु की स्थिति में परिवर्तन कर देता है या करने का प्रयास करता है

बल कहलाता है|


   न्यूटन के गति विषयक नियम

 1687 ईस्वी में सर आइज़क न्यूटन ने सबसे पहले अपनी पुस्तक प्रिंसिपिया  मैं नियमों का प्रतिपादन किया था

यह नियम  तीन है---------------------->


 प्रथम नियम:

 यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है तो वह विराम अवस्था में ही रहेगी यदि एक समान चाल से सीधी रेखा में चल रही है तो

ऐसी ही चलती रहेगी जब तक कि उस पर कोई  बाहरी बल लगाकर उसकी अवस्था में परिवर्तन ना किया जाए

इसे गैलीलियो का नियम या जड़त्व का नियम भी कहते हैं |



 उदाहरण:

 1.चलती हुई मोटर कार के अचानक रुकने पर उसने बैठे यात्री आगे की ओर झुक जाते है|

2 ठहरी हुई बस यह रेलगाड़ी के अचानक चलने पर यात्री पीछे की ओर झुक पड़ते हैं|


 दूसरा नियम :

जब किसी वस्तु पर कार्य करने वाले बल का मान उस वस्तु के द्रव्यमान तथा वस्तु में उत्पन्न  त्वरण

के गुणनफल के समानुपाती  होता है|

 बल=== द्रव्यमान * त्वरण

उदाहरण:



  जब एक क्रिकेटर कैच पकड़ता हैतो वह अपने हाथों को पीछे की ओर खींचता है|

 कांच के बर्तन को पैक करने के लिए   भूसा या पेपर में लपेटा जाता है|

तीसरा नियम:

 इस नियम के अनुसार प्रत्येक क्रिया की प्रतिक्रिया होती है जो क्रिया के बराबर परंतु क्रिया के विपरीत दिशा में होती है

इसे  क्रिया - प्रतिक्रिया का नियम भी कहते हैं|

 उदाहरण:



1--जल में ठहरी हुई  नाव  से कूदने पर  नाव का पीछे की ओर  चलना | 

2--बंदूक की गोली चलाने पर पीछे की ओर धक्का लगना|

 



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